हरियाणा की राजनीती में परिवारवाद लम्बे समय से छाया हुआ है। 2019 लोक सभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्रियों के चार पोते-पोतियाँ इसका एक बड़ा उद्हारण हैं। ये चार बड़े नाम हैं बंसीलाल जी की पोती श्रुति चौधरी, चौधरी देवी लाल व ओमप्रकाश चौटाला के पोते दुष्यंत, दिग्विजय व अर्जुन चौटाला, व भजनलाल जी के पोते भव्य बिश्नोई मुख्य नाम हैं। बड़े राजनितिक परिवार जैसे चौटाला, बिश्नोई और हुडा फिर आमने सामने हैं।

कांग्रेस ने श्री बंसीलाल की पोती श्रुति चौधरी को भिवानी-महेंदरगढ़ चुनाव क्षेत्र से उतारा है वहीं भजन लाल के पोते व कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई तो हिसार लोक सभा सीट से।

श्रुति चौधरी जो भिवानी-महेंदरगढ़ चुनाव क्षेत्र से पूर्व सांसद रह चुकी हैं बोलती हैं कि उन्हें परिवार के प्रभाव का फायदा तो मिलता हैं लेकिन आपको चुनाव जीत कर काम भी करके दिखाना पड़ता है वर्ना जनता आप पर पुनः विश्वास नहीं दिखाती।

परिवार में फुट पड़ने व अलग होने के बाद तीन चौटाला पड़पोते भी चुनाव रण में कूद चुके हैं मगर अलग अलग पार्टियों से। ओम प्रकाश चौटाला के शिक्षक भरती घोटाले में फसने व जेल होने के बाद उनके लड़के अजय चौटाला ने इनेलो से अलग होकर जननायक जनता पार्टी बनाने का फैसला किया और आम आदमी पार्टी के साथ हरियाणा में गठबंधन कर लिया। इस गठबंधन ने दुष्यंत व दिग्विजय चौटाला को क्रमसः हिसार व सोनीपत से उतारने का फैसला किया है। वहीं अभय चौटाला ने अपने बेटे अर्जुन चौटाला को कुरुक्षेत्र से चुनाव में खड़ा करने का फैसला किया।

वहीं दूसरी और कांग्रेस से पूर्व मुख्यमंत्री श्री भूपेंदर सिंह हूडा ने अपने पुत्र दीपेंदर हूडा को फिर रोहतक सीट से खड़ा किया है। अब देखना ये हैं की इस परिवार और बीजेपी के बीच युद्ध में जीत किसकी होती है?



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